नतोस्म्यहं त्वाखिल-/Natōsmyahaṁ tvākhila
नतोस्म्यहं त्वाखिलहेतुहेतुं नारायणं पूरुषमाद्यमव्ययम् |
यन्नाभिजातादरविन्दकोशाद ब्रह्माविरासीद् यत एष लोकः |
हे प्रभु आप समस्त कारणों के भी कारण है अविनाशी पुरुषोत्तम नारायण हैं , आपके नाभि कमल से ब्रह्मा जी प्रकट हुए मैं आपके चरणों में प्रणाम करता हूं,,,,,
नतोस्म्यहं त्वाखिल-/Natōsmyahaṁ tvākhila
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