F Navdha Bhakti in Bhagwat - bhagwat kathanak
Navdha Bhakti in Bhagwat

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Navdha Bhakti in Bhagwat

Navdha Bhakti in Bhagwat

 Navdha Bhakti in Bhagwat


श्रवणं कीर्तनं विष्णोः स्मरणं पादसेवनम् |
अर्चनं वन्दनं दास्यं सख्यमात्मनिवेदनम् ||

इति पुंसार्पिता विष्णौ भक्तिश्चेन्नवलक्षणा |
क्रियते भगवत्यद्धा तन्मन्येधीतमुत्तमम् ||

पिताजी सदा भगवान की कथा का श्रवण करना उनके नामों का कीर्तन करना पूजा करना स्मरण करना चरण सेवा करना वंदना करना उनके प्रति दासता से और सत्यव्रत तथा अपना सर्वस्व भगवान नारायण के चरणों में समर्पित कर देना भगवान कि इस प्रकार की नवधा भक्ति को ही सर्वश्रेष्ठ अध्ययन समझता हूं |

 Navdha Bhakti in Bhagwat


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