वाणी गुणानुकथने /vani guna nukathane
प्रभु हमारी वाणी निरंतर आपके गुणों का वर्णन करती रहे , कानों में हम सदा आपकी ही कथा का श्रवण करते रहे, हाथ आपकी सेवा में निरंतर लगे रहें, मन आपके चरण कमलों का स्मरण करता रहे , सिर आपके सामने झुका रहे, आंखों से हम संतों का दर्शन करें |
वाणी गुणानुकथने /vani guna nukathane
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