F वाणी गुणानुकथने /vani guna nukathane - bhagwat kathanak
वाणी गुणानुकथने /vani guna nukathane

bhagwat katha sikhe

वाणी गुणानुकथने /vani guna nukathane

वाणी  गुणानुकथने /vani guna nukathane

 वाणी  गुणानुकथने /vani guna nukathane


वाणी  गुणानुकथने श्रवणौ कथायां हस्तौ च कर्मसु मनस्तव  पादयोर्न: ।
स्मृत्यां  शिरस्तव निवास जगत्प्रणामे दृष्टि: सतां दर्शनेऽस्तु भवत्तनूनाम् ।। १०/१०/३८

प्रभु हमारी वाणी निरंतर आपके गुणों का वर्णन करती रहे , कानों में हम सदा आपकी ही कथा का श्रवण करते रहे, हाथ आपकी सेवा में निरंतर लगे रहें, मन आपके चरण कमलों का स्मरण करता रहे , सिर आपके सामने झुका रहे, आंखों से हम संतों का दर्शन करें |

 वाणी  गुणानुकथने /vani guna nukathane


 वाणी  गुणानुकथने /vani guna nukathane


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