बलिभिर्मुखक्रान्तं /balibhira mukhakrantam shloka vairagya
बलिभिर्मुखक्रान्तं पलितैनाङ्कितं शिरः।
गात्राणि शिथिलायन्ते तृष्णैका तरुणायते॥१४॥
मुख पर काफी झुर्रियां पड़ गईं, सिर के बाल सफेद हो गए, शरीर शिथिल हो गया, परन्तु तृष्णा न घटी, वह तरुण ही रह जाती हैं।
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बलिभिर्मुखक्रान्तं /balibhira mukhakrantam shloka vairagya