शिक्षा कामदुधा /shiksha kamdudha shloka vairagya
शिक्षा कामदुधा धेनुः कन्था शीतनिवारिणी।
अचलातु शिवे भक्तिर्विभवैः किम्प्रयोजनम्॥९७॥
जब भिक्षा भी कामधेनु है, कथरी ही जाड़ा मिटाने वाली है, शिव में ही अचल भक्ति है तो फिर ऐश्वर्य की आवश्यकता ही क्या है?