नारायणेति मन्त्रोऽस्ति /narayneti mantrosti shloka नारायणेति मन्त्रोऽस्ति /narayneti mantrosti shlokaनारायणेति मन्त्रोऽस्ति वागस्ति वशवर्तिनी।तथापि नरके घोरे पतन्तीत्येतदद्भुतम्॥७७॥नारायणरूप मन्त्रके रहते हुए और वाणीके स्ववश रहते हुए भी लोग नरकमें गिरते हैं-यह बड़ा आश्चर्य है ! ॥ ७७॥सूक्तिसुधाकर के सभी श्लोकों की लिस्ट देखें नीचे दिये लिंक पर क्लिक करके। -click-Suktisudhakar shloka list sukti sudhakar / सूक्तिसुधाकर नारायणेति मन्त्रोऽस्ति /narayneti mantrosti shloka Share this post