छोटी सीख वाली कहानी /साहस सँभालें

bhagwat katha sikhe

छोटी सीख वाली कहानी /साहस सँभालें

छोटी सीख वाली कहानी /साहस सँभालें

 छोटी सीख वाली कहानी

छोटी सीख वाली कहानी /साहस सँभालें

साहस सँभालें

महाराजा रणजीत पंजाब के राजा थे और उन्हें पंजाब केसरी कहा जाता था। एक बार उन्हें गुप्तचरों द्वारा समाचार मिला कि कबाइली सेना राज्य में घुस आई है।

उसने शहर को लूटना शुरू कर दिया है। उन्होंने तुरन्त अपने सैनापति को बुलवाया। जब वह उपस्थित हुआ तो महाराजा ने डाँटते हुए उससे पूछा-“कबाइली सेना पेशावर तक पहुंच गई है।

आपने उसे रोका क्यों नहीं?" महाराजा के कथन से सेनापति झेंप गया। झिझकते हुए उसने उत्तर दिया-“महाराज! पेशावर में हमारे पास केवल एक सौ पचास सैनिक थे और कबाइली पन्द्रह सौ थे।

इस स्थिति में उनसे मुकाबला करना बेकार था।" सेनापति का उत्तर सुनकर रणजीत सिंह की भृकृटियों में बल पड़ गये।

 छोटी सीख वाली कहानी

तुरन्त घोड़े पर सवार हो गये और एक सौ पचास सैनिक लेकर पेशावर जा पहुँचे। पहुँचते ही उनके सैनिक कबाइलियों पर टूट पड़े।

वे इतनी वीरता से लड़े कि उनकी तलवारों के वारों के आगे कबाइली ज्यादा देर नहीं टिक सके और पराजित होकर भाग खड़े हुए।

कबाइली लुटेरों को भगाकर महाराज लौटे तो उन्होंने सेनापति बुलाकर पूछा- “मेरे साथ कितने सैनिक गये थे?"


सेनापति ने सिर झुकाये हुए उत्तर दिया-“एक सौ पचास।" महाराजा ने दूसरा प्रश्न किया-“और कबाइली कितने थे?" सेनापति लज्जित होते हुए बोला-“जी, पन्द्रह सौ।" "

 छोटी सीख वाली कहानी

लेकिन फिर भी वे भाग गये। ऐसा कैसे हुआ?” महाराजा ने पूछा।

सेनापति का उत्तर था-“जी, आपकी दृढ़ प्रतिज्ञा और अजेय बहादुरी के कारण ही ऐसा हुआ।"


महाराज उत्तेजित होते हुए बोले-“मेरी नहीं, हमारी बहादुरी कहो। क्या आप जानते नहीं कि हमारा एक वीर सैनिक सवा लाख सैनिकों के बराबर है।


रक्षा करने वाले एक सिपाही की शक्ति उन सवा लाख सिपाहियों के बराबर होती है, जो हमला करते हैं।


आपको इसका अनुभव अब हो जाना चाहिए। वास्तविकता यह है कि आपकी हिम्मत टूट गई थी। अतः आप सिपाहियों पर भरोसा नहीं कर सके।"


सेनापति ने इसे स्वीकार किया। अब उसे इस बात पर विश्वास हो गया था।

  दृष्टान्त महासागर के सभी दृष्टांतो की लिस्ट देखें नीचे दिये लिंक पर क्लिक  करके। -clickdrishtant mahasagar list

छोटी सीख वाली कहानी /साहस सँभालें

 छोटी सीख वाली कहानी

Ads Atas Artikel

Ads Center 1

Ads Center 2

Ads Center 3