Dharmik Stories in Hindi (पसीने की कमाई)

 Dharmik Stories in Hindi

Dharmik Stories in Hindi  (पसीने की कमाई)

 (पसीने की कमाई)

साहित्यिक जगत में रूस के कथाकार टाल्सटाय किसी के लिए अपरचित नाम नहीं है। एक बार उन्हें कहीं जाना था, सो स्टेशन पर खडे महिला उसी समय वहाँ आई।


उसने साधारण कपड़े पहने हुए मादे टाल्सटाय को देखा तो कुली समझा। संकेत के द्वारा उसने टाय को अपने पास बुलाया और उनके हाथ में एक पत्र देते हुए -"सामने के होटल में मेरे पति हैं।


जाकर यह पत्र उन्हें दे आओ।" टाल्सटाय ने पत्र महिला के पति को पहुँचा दिया और लौट आये। महिला ने इस कार्य के लिए उन्हें दो कोपेक दिये।

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कोपेक रूस की एक मुद्रा है, जैसे भारत में रुपया। टाल्सटाय ने कोपेक अपनी जेब में डाल लिये। थोड़ी ही देर में कुछ लोग टाल्सटाय को विदा करने के लिए स्टेशन पर आ पहुँचे।


आते ही उन्होंने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया। यह देख महिला के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। उसे जब पता चला कि उसका पत्र पति तक पहुँचाने वाले सज्जन टाल्सटाय हैं तो उसे अपने व्यवहार पर बहुत संकोच हुआ।


इतना कि वह परेशान हो गई। वह टाल्सटाय के पास गई और बोली-“मैं अपने व्यवहार के प्रति क्षमा माँगती हूँ।

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कृपा करके मेरे वे कोपेक लौटा दीजिए जो आपके व्यक्तित्व की तुलना में कुछ भी नहीं टाल्सटाय विनोदी स्वभाव के थे।


हँसकर बोले-“वे कोपेक तो मेरे पसीने की कमाई है, उन्हें नहीं लौटा सकता।" वहाँ खड़े टाल्सटाय के सभी प्रशंसक मुस्कराकर हँसने लगे।

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