kahaniya in hindi (इसलिए की चोरी)

 kahaniya in hindi

kahaniya in hindi (इसलिए की चोरी)

(इसलिए की चोरी) 

एक गाँव में एक अमीर आदमी रहता था। एक दिन उसके घर में चोरी हो गई। चोर ने उसके घर से सारे गहने चुरा लिये। 


उन्हें लेकर वह भागा तो गाँव के लोगों ने उसका पीछा किया और भारी भाग-दौड़ करने पर उस चोर को पकड़ लिया। 


मीर के गहने चुराने के अपराध में उसे दंड देने के लिए चारों ओर से आवाजें उठने लगीं। चोर अनेक प्रकार की सफाई देता रहा पर कोई भी उसकी बात सुनने को तैयार नहीं था। 


आखिर में यह तय किया गया कि इस सम्बन्ध में आज शाम को पंचायत बैठे और कोई फैसला सुनाये। तब तक के लिए चोर को पेड़ से बाँध दिया गया।


शाम को पंचायत बैठी। जब सब अपने-अपने स्थानों पर बैठ गये तो चोर को पंचायत में लाया गया। अमीर आदमी भी उपस्थित हुआ। 

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उसने भरी पंचायत के सामने अपना बयान दिया कि इस आदमी ने मेरे घर में घुसकर मेरे सारे गहने चुरा लिये। उसके इस बयान से सभी ग्रामवासियों की सहानुभूति उसे मिली।


इसके बाद चोर को अपनी बात कहने का आदेश दिया गया। चोर ने बुझे मन से कहा-“मेरी समझ में नहीं आता कि मैं क्या कहूँ? यह ठीक है कि मैंने इनके यहाँ से गहनों की चोरी की और वह इसलिए कि मेरे घर में बच्चे भूख से तड़प रहे थे। 


कई दिनों से मुझे कोई काम नहीं मिल रहा था। आज भी काम मिलने का भरोसा नहीं था। काम माँगने के लिए मैं इनके घर गया था। 


लकिन इन्होंने काम देने के बजाय उलटा बुरी तरह दुत्कार दिया था। जिस समय ये मुझे दुत्कार रहे थे, उसी समय इनकी पत्नी कहीं बाहर से आई थीं। उन्होंने कई गहने पहने हुए थे। 

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गहनों को देखकर मेरी आह निकल आई। मैंने सोचा-काश! मेरे पास ऐसे गहने होते तो मैं उन्हें बेचकर अपने बच्चों की भूख मिटाकर उन्हें तड़पने से बचा लेता।"


चोर ने आगे कहा-“जब मुझे काम नहीं मिला तो मुझे बार-बार उन गहनों का ख्याल आता रहा और आखिर में उन्हें चुरा लेने का मन बना लिया और मैंने इनके घर चोरी कर ही ली।"


दोनों पक्षों की बात सुनकर पंचायत के पंचों ने आपस में विचार किया और फेसला सुनाया। जो फैसला सुनाया गया उसकी आशा किसी को न थी। पंचों ने चोर और अमीर दोनों को ही छ:-छः महीने की सजा सुनाई।


चोर ने तो चोरी की ही थी। अतः उसे सज़ा मिलने की उम्मीद ही थी पर अमीर यह फैसला सुनकर हैरान रह गया। उसने पंचों से प्रश्न किया-“इसने तो मेरे गहने चुराये, पर मुझे आप लोग किस बात का दंड दे रहे हैं, मेरी समझ में नहीं आ रहा।"


_पंचों ने उत्तर दिया-“तुम्हारे पास इतने धन का जमा होना ही चोरी का बुनियादी कारण है। इसी कारण तुम्हें सज़ा दी गई है।


हमें तो इस पर बड़ा आश्चर्य हो रहा है कि तुम्हारे घर इतनी संपत्ति जमा हो जाने पर भी गाँव के भूख से तड़पते अन्य परिवारों के लोग तुम्हारे यहाँ चोरी नहीं कर रहे हैं। एक घर में धन और अन्न सड़ता रहे और दूसरे घरों में लोग भूख से तड़पते रहें, यह मानव धर्म के विरुद्ध है।"

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