pratah smaran lyrics प्रातः स्मरण वैदिक मंत्र

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प्रातः स्मरण वैदिक मंत्र

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प्रातः स्मरण

कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती,

करमूले तु गोविन्द, प्रभाते कर दर्शनम् ।


समुद्र वसने देवी, पर्वत स्तन मंडले,

विष्णु पत्नी नमोस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्वमे ।

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प्रातः स्मरण वैदिक मंत्र


ब्रह्मामुरारिस्त्रिपुरान्तकारी, भानुः शशी भूमिसुतोबुधश्च ।

गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतवः, कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम् ।।


कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् ।

सदावसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि ।।


आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम ।

लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम ।


रामाय राम भद्राय रामचन्द्राय मानसे ।

रघुनाथ नाथाय सीतायाः पतये नमः ।।

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प्रातः स्मरण वैदिक मंत्र


नीलाम्बुजश्यामलकोमलांग, सीतासमारोपितवामभागम् ।

पाणौ महासायक चारुचापं, नमामि रामं रघुवंशनाथम् ।।


राघवं रामचन्द्रं च रावणारि रमापतिम् ।

राजीवलोचनं रामं तं वन्मदे रघुनन्दनम् ।


लोकाभिरामं रणरंगधीरं, राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम् ।

कारुण्यरूपं करुणाकरत, श्रीरामचंद्र शरणं प्रपद्ये ।।

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