F छगन मगन मेरे लाल कौं chhagan magan mere lal ko - bhagwat kathanak
छगन मगन मेरे लाल कौं chhagan magan mere lal ko

bhagwat katha sikhe

छगन मगन मेरे लाल कौं chhagan magan mere lal ko

 छगन मगन मेरे लाल कौं chhagan magan mere lal ko

 छगन मगन मेरे लाल कौं chhagan magan mere lal ko

छगन मगन मेरे लाल कौं chhagan magan mere lal ko


छगन मगन मेरे लाल कौं, आजा निन्दिया आ ।

चञ्चल मोहन श्याम के नैनन बीच समा ।।

जप, तप, पूजा, पाठ सों विधिना दियौ मोहि लाल,

सो जा कन्हैया लाडिले, मैया बजावै ताल ।

कैसैं सुलाऊँ लाल कौं, धीरे धीरे लोरी गा ।।

छगन............ ॥१॥

सोवै कन्हैया पालना, याकी है छवि अभिराम,

आँगन की शोभा, मेरो मन मोहन घनश्याम ।

आजा री निन्दिया लाल कौं, मैया रही तो कूँ बुला

छगन............ ॥२॥

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 छगन मगन मेरे लाल कौं chhagan magan mere lal ko

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