F मोतिन के चौक पुरे कंचन कलश धरे motin ke chauk pure kanchan lyrics - bhagwat kathanak
मोतिन के चौक पुरे कंचन कलश धरे motin ke chauk pure kanchan lyrics

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मोतिन के चौक पुरे कंचन कलश धरे motin ke chauk pure kanchan lyrics

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मोतिन के चौक पुरे, कंचन कलश धरे,

बन्दनवार द्वार पै, बँधी हैं सारी हाल की ।।

गुनीजन गान करें, मुनीजन ध्यान धरें ।

सपने हु न पावैं ये मूरति गोपाल की ।।

'प्रेमि' कहें यशुदा जी, पालने झुलावै नित्य,

मोतिन की माल गले, वग नखा ढाल की ।।

चिर जीवै नन्द रानी, कोटि बरस तेरौ सुत,सुत, ||

नन्द घर आनन्द भयौ, जय कन्हैया लाल की ।।

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