सुने री मैंने निरबल के बल राम /sune ri maine nirbal ke balram lyrics
सुने री मैंने निरबल के बल राम।
पिछली साख भरु संतन की, अड़े सवाँरे काम ।।
जब लगि गज बल अपनो बरत्यो, नेक सरयो नहीं काम।
निरबल द्वै बल राम पुकास्यो, आये आधे नाम ।
द्रुपद सुता निर्बल भई ता दिन, तजि आये निज धाम।
दुष्शासन की भुजा थकित भई, बसन रूप भये श्याम ॥
अप बल तप बल और बाहु बल, चौथो बल है दाम। '
सुर' किसोर कृपा तें सब बल हारे को हरिनाम ।
सुने री मैंने निरबल के बल राम /sune ri maine nirbal ke balram lyrics
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