श्रीभागवत भगवान की है आरती bhagwat bhagwan ki aarti lyrics
श्रीभागवत भगवान की है आरती।पापियों को पाप से है तारती ॥
यह अमर ग्रन्थ यह मुक्ति पंथ,
यह पंचम वेद निराला है, नव ज्योति जगाने वाला है।
हरिध्यान यही, हरिनाम यही, जग के मंगल की आरती ॥
पापियों को पाप...... 2
यह शान्ति दीप पावन पुनीत
पापों को मिटाने वाला है, हरि दरश कराने वाला है।
पापों को मिटाने वाला है, हरि दरश कराने वाला है।
यह सुख करनी यह दु:ख हरनी, श्रीमधुसूदन की आरती ॥
पापियों को पाप......
पापियों को पाप......
यह मधुर बोल जग पंथ खोल
सन्मार्ग बताने वाला है, बिगड़ी को बनाने वाला है।
सन्मार्ग बताने वाला है, बिगड़ी को बनाने वाला है।
श्रीराम यही घनश्याम यही, प्रभु की महिमा की आरती।
पापियों को पाप......
पापियों को पाप......
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