आरती अतिपावन पुराण की aarti atipavan puran ki lyrics

आरती अतिपावन पुराण की aarti atipavan puran ki lyrics

आरती अतिपावन पुराण की, धर्म भक्ति विज्ञान खान की। 

महापुराण भागवत निर्मल, शुक मुख विगलित निगम कल्प फल। 
परमानन्द सुधा रममय कल, लीला रति रस रसनिधान की।
आरती अति पावन.......... 

कलि मल मथनि त्रिताप निवारिणि, जन्म मृत्युमय भव भय हारिणि । 
सेवत सतत सकल सुख कारिणि, सुमहौषधि हरि चरित गान की॥
आरती अति पावन..... 

विषय विलास विमोह विनाशिनि, विमल विराग विवेक विकासिनी। । 
भगवत्तत्त्व रहस्य प्रकाशिनि, परमज्योति परमात्म ज्ञान की।
आरती अति पावन.......... 

परमहंस मुनि मन उल्लासिनि, रसिक हृदय रस रास विलासिनि । 
भुक्ति मुक्ति रतिप्रेम सुदासिनि, कथा अकिंचन हिय सुजान की।
आरती अति पावन.........
एक जोगी खड़ा तेरे द्वार ak jogi khada tere dwar lyrics

www.bhagwatkathanak.in // www.kathahindi.com

सर्वश्रेष्ठ भजनों की लिस्ट देखने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें

आरती अतिपावन पुराण की aarti atipavan puran ki lyrics

0/Post a Comment/Comments

आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताएं ? आपकी टिप्पणियों से हमें प्रोत्साहन मिलता है |

Stay Conneted

(1) Facebook Page          (2) YouTube Channel        (3) Twitter Account   (4) Instagram Account

 

 



Hot Widget

 

( श्री राम देशिक प्रशिक्षण केंद्र )

भागवत कथा सीखने के लिए अभी आवेदन करें-


close