भज राधे गोविन्दा रे /bhaj radhe govinda re bhajan lyrics
भज राधे गोविन्दा रे पगले, भज राधे गोविन्द रे।
तन पिंजड़े को छोड़ कहीं उड जाये न प्राणपरिंदा ॥.....भज
झूठी सारी दुनियादारी झूठा तेरा मेरा रे,
आज रुके कल चल देगा, ये, जोगीवाला फेरा रे। .
भेदभाव को छोड़ के पगले, मत कर तू पर निंदा रे ।। .....भज
इस जीवन में सुख की कलियाँ और सभी दु:ख के काँटे,
सुख में हर कोई हिस्सा मांगे कोई भी ना दु:ख बाँटे।
सुख में हर कोई हिस्सा मांगे कोई भी ना दु:ख बाँटे।
सब साथी है, झूठे जगत के सच्चा एक गोविंदा रे ।।.....भज
इस चादर को बड़े जतन से ओढ़े दास करीबा रे,
जिसे पहनं विषपान कर गई-प्रेम दीवानी मीरा रे।।
इस चार को पाप करम से मत कर तू अब गंदा रे ।।.....भज
इस चार को पाप करम से मत कर तू अब गंदा रे ।।.....भज
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