फाग खेलन बरसाने आये हैं fag khelan barsane aaye hain lyrics
फाग खेलन बरसाने आये हैं-नटवर नन्दकिशोर।नटवर नन्दकिशोर आयो छलिया माखन चोर ॥ फाग.....
घेर लई सब गली रंगीली छाय रही छवि छटा छबीली।
ढप ढोल मृदंग बजाये हैं वंशी की घनघोर ॥ फाग....
ढप ढोल मृदंग बजाये हैं वंशी की घनघोर ॥ फाग....
मिल जुल के सब सखियाँ आईं-उड़त छटा अम्बर पे छाई।
जिन अबीर गुलाल उड़ाये है मारत भर भर झोर ॥ फाग......
जिन अबीर गुलाल उड़ाये है मारत भर भर झोर ॥ फाग......
लै रहे चोट ग्वाल ढालन पै केशर कीच मले गालन पे।
जिन हरियल बांस मंगाये है चलन लगे चहुँ ओर ॥ फाग.....
जिन हरियल बांस मंगाये है चलन लगे चहुँ ओर ॥ फाग.....
अबीर गुलाल की भई अंधियारी दीखत नाय कोई नर अरुनारी ।
राधे ने सैन चलाये हैं-पकरे माखन चोर ॥ फाग......
राधे ने सैन चलाये हैं-पकरे माखन चोर ॥ फाग......
जो लाला घर जानो चाहो तो होरी को फगुआ लाओ।
हैं जिन श्याम ने सखा बुलाये है बांटत भर भर झोर ॥ फाग......
राधे जू की हाहा खाओ-सब सखियन के घर पहुँचाओ।
जिन घासीराम यश गाये है लगी श्याम संग डोर ॥ फाग......
जिन घासीराम यश गाये है लगी श्याम संग डोर ॥ फाग......
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