श्रीगोवर्धन महाराज तेरे माथे govardhan mahraj tere mathe lyrics
श्रीगोवर्धन महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रह्यौ ॥टेक॥तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े, और चढ़े दूध की धार, तेरे माथे० ॥1॥
तेरे कानन कुण्डल सोह रहे, तेरी ठोढ़ी पे हीरा लाल, तेरे माथे० ॥2॥
तेरे नैनों में सुरमा साज रह्यौ, तेरी झाँकी बनी विशाल, तेरे माथे० ॥3 ।। ।
तेरे मानसी गंगा निकट बहै, जामें लोग करें स्नान, तेरे माथे० ॥4॥ ।
तेरी सात कोस की परिकम्मा, चकलेश्वर कर्यो विश्राम, तेरे माथे० ॥5॥
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