छटा तेरी तीन लोक ते न्यारी है chhata teri teen lok te nyari hai lyrics
छटा तेरी तीन लोक ते न्यारी है गोवर्धन महाराज।
मानसी गंगा करौ स्नान, धरौ फिर चकलेश्वर को ध्यान।
दान घाटी पै दधि कौ दान। करौ परिकम्मा की तैयारी है॥1॥
गोवर्धन महाराज.....
गाँव आन्यौर कुण्ड गोविन्द, सरोवर भरी रहे स्वछन्द।
पूछरी कौ लौठा निर्द्वन्द। आगे जतीपुरा सुखदाई है॥2॥
गोवर्धन महाराज....
गोवर्धन महाराज....
शिखर के ऊपर नाचे मोर, संत जन पड़े रहें चहुँ ओर।
पपीहा चातक हंस चकोर । बोली बोल रहे अति प्यारी है।।3।।
गोवर्धन महाराज.....
गोवर्धन महाराज.....
कृष्ण और राधाकुण्ड अपार, यहाँ पर अविचल नित्य विहार।
मोर और तोता रहें अपार । लगे मुड़िया को मेला भारी है॥4॥
गोवर्धन महाराज...
गोवर्धन महाराज...
यहाँ पे चढ़े दूध की धार, यहाँ के बन्दर करें सत्कार।
यहाँ की परिकम्मा है अपार । कुसुम के मध्य फुले फुलवारी है।।5।।
गोवर्धन महाराज.......
गोवर्धन महाराज.......
बोलो श्रीगोवर्धन महाराज, ये पूरन करते सबके काज। ।
सम्हारे जन अपने की लाज। किशोरी चरनन की बलिहारी है।।6।।
गोवर्धन महाराज.......
गोवर्धन महाराज.......
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