कन्हैया ले चल पल्ली पार। kanhaiya le chal palli par lyrics

कन्हैया ले चल पल्ली पार। kanhaiya le chal palli par lyrics

कन्हैया ले चल पल्ली पार। 
जहाँ विराजे राधारानी, अलवेली सरकार । कन्हैया

गुण अवगुण सब तेरे अर्पण। 
पाप पुण्य सब तेरे अर्पण।
ये जीवन भी तेरे अर्पण। 
मैं तेरे चरणों की दासी तुम मेरे प्राण अधार ॥ कन्हैया

तेरी आस लगा बैठी हूँ। 
लज्जा सील गंवा बैठी हूँ।
अपना आप लुटा बैठी हूँ। 
साँवरिया मैं तेरी रागनी तू मेरा मल्हार ॥ कन्हैया

तेरे बिन कुछ चाह नहीं है।
कोई सूझती राह नहीं है।
जग की कोई परवाह नहीं है। 
मेरे प्रियतम मेरे माँझी कर दो नैया पार ॥ कन्हैया

आनन्द घन यहाँ बरस रहा है।
पत्ता-पत्ता हरस रहा है।
हरि विचारा तरस रहा है। 
बहुत हुयी अब हार गयी मैं क्यों छोड़ा मझधार ॥
कन्हैया ले चल पल्ली..

एक जोगी खड़ा तेरे द्वार ak jogi khada tere dwar lyrics

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कन्हैया ले चल पल्ली पार। kanhaiya le chal palli par lyrics

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