छोड़ वृंदा विपिन कुंज chhod vrinda bipin kunja lyrics
छोड़ वृंदा विपिन कुंज यमुना पुलिन
श्याम मथुरा चले
श्याम मथुरा चले
माँ यशोदा पिता नन्द व्याकुल भये
ग्वाल रोये हमारे कन्हैया चले
छोड़ सबसे लगन प्राण तन मन हरण ॥
श्याम......॥
हाये मोहन बिना चैन कैसे पड़े
श्याम......॥
हाये मोहन बिना चैन कैसे पड़े
कौन नवनीत माखन की चोरी करे
गैया करती रूदन प्राण तन मन हरण ॥
श्याम......॥
बीज विपदा के अक्रूर अब वो चल्यो
श्याम......॥
बीज विपदा के अक्रूर अब वो चल्यो
प्राण प्यारे कन्हैया को यह ले चाल्यो
छाती पीटे सकल भर रहे जलनयन ॥
श्याम.....॥
श्याम निष्ठुर भये बाम विधाता भये
श्याम.....॥
श्याम निष्ठुर भये बाम विधाता भये
हमको जोगिन बनाकर क्यों तज चले
क्यों लगाई लगन प्राण तन मन हरण॥
श्याम....... ॥
श्याम....... ॥
www.bhagwatkathanak.in // www.kathahindi.com
एक टिप्पणी भेजें
आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताएं ? आपकी टिप्पणियों से हमें प्रोत्साहन मिलता है |