काशी घूम लो मथुरा घूमलो kasi ghum lo lyrics

काशी घूम लो मथुरा घूमलो kasi ghum lo lyrics

काशी घूम लो मथुरा घूमलो घूमलो चाहे वन वन। 

नर में है नारायण वदें नर में है नारायण। 
बोलो जय नारायण हो बोलो जय नारायण-नारायण ।।

नर में है नारयण काशी......... 

दया धरम चाहे दान करो यह किसी काम नहिं आते। 
जब तक दीन दु:खी निर्धन को गले से नहीं लगाते। 
मेरा नारायण होता है इसी बात से प्रसन्न ।।

नर में है नारायण काशी........ 

पहन के भंगवा तिलक लगा के बना तू सन्त अज्ञानी। 
हो गया मस्त मलंग ना पीड़ा किसी की तूने जानी। 
बभूति मंडल गले में माला व्यर्थ है माँथे चन्दन

नर में है नारायण काशी. ईश्वर के है वन्दे सबको रूप उन्हीं का मानो। 
ना कोई ऊँचा ना कोई नीचा सबको एक ही मानो। 
सबसे उत्तम पूजा यही है सबसे बड़ा ये धन

नर में है नारायण काशी......
लिखन वालिए तू हो के दयाल लिख दे। likhan wale tu hoke lyrics

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