राजा दशरथ जू के द्वार नौबत बाज रही raja dashrath ju ke dwar lyrics

 राजा दशरथ जू के द्वार नौबत बाज रही raja dashrath ju ke dwar lyrics

राजा दशरथ जू के द्वार नौबत बाज रही-2 

समाचार सुनि सुनि सखी आई-2



किये सहज शृंगार, नौबत बाज रही। राजा. -

मंगल दृव्य लिए हाथन में-2



सब गावत मंगला चार, नौबत बाज रही। राजा....... 


बार बार निरखत है राम मुख-2 

मुनिजन कर रहे जय जयकार, नौबत बाज रही। राजा....... 


दान देत सम्मान सहित द्विज

__याचक लिए हंकार, नौबत बाज रही। राजा....... 


साधू सराहि सुमन सुर बरसत

बोलत जय जयकार, नौबत बाज रही। राजा...... 


अद्भुत कान्ति राम मुख ऊपर

___ होत भवन उजियार, नौबत बाज रही। राजा....... 


कौन पुण्य करि आई कौशल्या

गोद भरी करतार, नौबत बाज रही। राजा....... 


नारायण गुण गावत गायक

अंचल नयन पसार, नौबत बाज रही। राजा......

लिखन वालिए तू हो के दयाल लिख दे। likhan wale tu hoke lyrics

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