सीताराम जी की प्यारी रजधानी लागे sita ram ji ki pyari rajdhani lyrics
सीताराम जी की प्यारी रजधानी लागे-2
मोहे मीठो मीठो सरजू जी को पानी लागे॥
धन्य कौशल्या धन्य कैकई, धन्य सुमित्रा मैया।
धन्य भूप दशरथ के आंगना, खेलत चारों भैया॥
मीठी तोतली रसीली प्रभु की बानी लागे.....मोह०
छोटी छावनी रंग महल, हनुमान गढ़ी अति सुन्दर।
स्वयं जगत के मालिक बैठे, कनक भवन के अंदर ॥
व सीताराम जी की शोभा, सुख खानी लागे.....मोह०
सहज सुहावनी जन्मभूमि, श्रीरघुवर राम लला की।
जानकी महल के सुन्दर शोभा, लक्ष्मन जू के किला की॥
माना यहाँ के कण-कण से, प्रीति पुरानी लागे.....मोह०
जय सियाराम दण्डवत भैया, मधुरी वाणी बोले।
कालिक करें कीर्तन सन्त मगन होय, गली-गली में डोले॥
सीताराम नाम धुनि बड़ी प्यारी, लागे.....मोह०
www.bhagwatkathanak.in // www.kathahindi.com