मुझे रघुवर की सुधि आई mujhe raghuvar ki sudhi aayi lyrics
मुझे रघुवर की सुधि आई
आगे आगे राम चलत हैं, पीछे लखनजी भाई.......हो रामा
बीच जानकी अधिक सोहे, राजा जनक की जाई.......मुझे
श्रावण बरसे भादों गरजे, पवन चले पुरवाई.......हो रामा
कौन बिरछ तर भिंजत होंगे, सिया लखन रघुराई .......मुझे
सीता बिना मोरी सूनी रसोई, लखन बिना ठकुराई.....हो रामा
राम बिना मोरी सूनी अयोध्या, महल उदासी छाई.......मुझे
भीतर रोये मातु कौशल्या, बाहर भरतजी भाई.......हो रामा
दशरथजी ने प्राण तजे हैं, कैकयी मन पछताई.......मुझे
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