उधो मोहे सन्त लगे अति प्यारे udho mohe sant lage lyrics
उधो मोहे सन्त लगे अति प्यारे।
मेरे कारण छोड़ जगत के, भोग पदारथ सारे।
निश दिन ध्यान धरे हृदय में सब घर काज बिसारे।
मैं सन्तन के पीछे जाऊँ, जहाँ जहाँ संत पधारे।
चरण रज निज अंग लगाऊँ धन धन भाग हमारे।
सन्त मिले तो मैं मिल जाऊँ, सन्त न मुझसे न्यारे।
www.bhagwatkathanak.in // www.kathahindi.com
एक टिप्पणी भेजें
आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताएं ? आपकी टिप्पणियों से हमें प्रोत्साहन मिलता है |