यह प्रेम सदा भरपूर रहे /yah prem sada bharpur rahe bhajan lyrics
यह प्रेम सदा भरपूर रहे।भगवान तुम्हारे चरणों में॥
यह अरज मेरी मंजूर रहे.....
यह अरज मेरी मंजूर रहे.....
भगवान जीवन को मैंने सौंप दिया।
नंदलाल तुम्हारे हाथों में॥
उत्थान, पतन अब मेरा है.....
उत्थान, पतन अब मेरा है.....
भगवान संसार असार है सार नहीं।
बाकी न रहे अब दु:ख सही।
मैं हूँ संसार के हाथों में॥
संसार तुम्हारे हाथा में.....
संसार तुम्हारे हाथा में.....
भगवान आँखों में सदा ये ध्यान रहे।
और मन चरणों में लगा रहे॥
यह अंत समय की अर्ज मेरी.....
यह अंत समय की अर्ज मेरी.....
भगवान यह बार बार मैं कहता हूँ।
आगे प्रभु आपकी मरजी है।
यह भाव सभी भक्तों का है.....
यह भाव सभी भक्तों का है.....
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