दशा मुझ दीन की भगवन सम्हालोगे तो क्या होगा dasha mujh deen ki bhagvan
दशा मुझ दीन की भगवन सम्हालोगे तो क्या होगा।
अगर चरणों की सेवा में लगा लोगे तो क्या होगा।। १
मैं नामी पातकी हूँ और नामी पाप-हर तुम हो।
जो लज्जा दोनों नामों की बचा लोगे तो क्या होगा।। २
जिन्होंने तुमको करुणाकर पतित-पावन बनाया है।
उन्हीं पतितों को तुम पावन बना लोगे तो क्या होगा।। ३
यहाँ सब मुझसे कहते हैं तू मेरा है तू मेरा है।
मैं किसका हूँ ये झगड़ा तुम चुका दोगे तो क्या होगा।। ४
अजामिल गीध गणिका, जिस दया गंगा में तरते हैं।
उसी में "बिन्दु' सा पापी मिला लोगे तो क्या होगा।। ५