जापै चट्टै नाम रस रंग । japai chadai nam ras rang
जापै चट्टै नाम रस रंग ।
सदा फिरै अलमस्त दीवानो डुब्यौ प्रेमरस गंग।।
गावै नाचै रोवै हंसै पुनि मतवारन के ढंग।
हरि को नाम सकल अघनाशक हरत विषय जग-संग।।
धन्य श्रीगुरु जिन नाम सुनायो कीन्हीं कृपा अभंग।
'श्यामदास' हरिनाम प्रेम-पद करुणानिधि गौरांग।।

