जय जय जय श्री प्रेमानन्द। jay jay shri premananda जय जय जय श्री प्रेमानन्द। jay jay shri premanandaजय जय जय श्री प्रेमानन्द। आये गौड़ देश तज ब्रज में सेवन श्री वृन्दावन-चन्द।। जान्यो सार प्रेमरस भक्ति जामें मान्यो परम अनन्द । नवल विहार लाड़सुख सेवा, 'लड़ितलडैती' रसिक अलिन्द।। सभी पदों की सूची देखने के लिए क्लिक करें Bhagwat Kathanak Katha Hindi जय जय जय श्री प्रेमानन्द। jay jay shri premananda Share this post