F जे तू न फड़दा साडी बाहँ असां je tu na fad da sadi - bhagwat kathanak
जे तू न फड़दा साडी बाहँ असां je tu na fad da sadi

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जे तू न फड़दा साडी बाहँ असां je tu na fad da sadi

जे तू न फड़दा साडी बाहँ असां je tu na fad da sadi

 जे तू न फड़दा साडी बाहँ असां je tu na fad da sadi

जे तू न फड़दा साडी बाहँ असां रूल जाणा सी 
फिर कित्थे ना मिलदी थांह असां रूल जाना सी।१।

ना नचदी टपदी ऐ जिन्दगानी होनी सी
मेरे ठाकुर मेरी कहानी फिर की होणी सी 
जे तू ना देंदा खुशियां जे तू ना देंदा खुशियां असां रूल जाणा सी।२।

कई जन्म होए बर्बाद ना रस्ता मिलया ए 
होई कृपा मेरी जिन्दगी दा फुल हुण खिलया है 
जे तू ना देंदा सिधी राह असां रूल जाणा सी।३।

तू मेरा है मै तेरा ये रिश्ता टूटे ना 
भावें छुट जाए जग सारा तेरा दर छुटे ना 
तर दर ते न मिलदी थांह, असां रूल जाणा सी।- 

चाहे लखां होण जब्रान गुण नही गा सकदी
मेरे सतगुरु तेरा कर्ज अदा नही कर सकदी 
जे तू ना देंदा तैडी छांह, असां रूल जाणा सी।५।
जे तू न फड़दा साडी बाहँ असां je tu na fad da sadi

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