माई री मैंने गोविन्द लीनो मोल mayi ri maine govinda lino mol
माई री मैंने गोविन्द लीनो मोल।
कोई कहे कारो कोई कहे गोरो लियो है आँखें खोल।।
कोई कहे हलको कोई कहै भारी लियो है तराजू तोल।
कोई कहे चोरी कोई कहे चुपके लियो है बजाके ढोल।।
कोई कहे सस्तो कोई कहे मँहगो लियो रतन अनमोल ।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर पूर्व जन्म को कोल।।
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