इस तन में रमा करना is tan me rama karna
इस तन में रमा करना, इस मन में रमा करना।
वैकुंठ तो यही है, इसमें ही बसा करना।।
हम मोर बनके मोहन, नाचा करेंगे वन वन ।
तुम श्याम घटा बनकर, उस वन में उठा करना।।
हो हो के हम पपीहा, पी-पी रटा करेंगे।
तुम स्वाति बूंद बन कर, प्यासे पे दया करना।।
हम भी समस्त जग में, तुमको ही निहारेंगे।
तुम दिव्य ज्योति बनकर, नयनों में रहा करना।।
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