मेरा गोपाल गिरधारी mera gopal girdhari bhajan lyrics
मेरा गोपाल गिरधारी जमाने से निराला है।
सँवलिया है सलोना है न गोरा है न काला है।
कभी सपनों में तुम आना कभी रूपोश हो जाना।
तुम्हारी बाल मूरत ने अजब धोखे में डाला है।
तुम्हें मैं भूलना चाहूँ मगर भूला नहीं जाता।।
तुम्हारी मोहिनी मूरत ने कुछ जादू सा डाला है।
तुम्हारे तो हजारों हैं मेरे तो एक तुम ही हो।
तुम्हीं बोलो जहाँ में कौन मेरी सुनने वाला है।।
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