F मैं गिरधर आगे नाचूँगी। krishna ke pad - bhagwat kathanak
मैं गिरधर आगे नाचूँगी। krishna ke pad

bhagwat katha sikhe

मैं गिरधर आगे नाचूँगी। krishna ke pad

मैं गिरधर आगे नाचूँगी। krishna ke pad

 मैं गिरधर आगे नाचूँगी। krishna ke pad

मैं गिरधर आगे नाचूँगी। krishna ke pad

मैं गिरधर आगे नाचूँगी। 
नाच नाच पिया रसिक रिझाऊँ प्रेमीजन को जानूंगी।। 
प्रेम प्रीति के बाँधि चूँघरू सूरत की कछनी कालूंगी। 
लोक लाज कुल की मर्यादा यामें एक न राखूगी।। 
पिव के पलंग पै जा पौढूंगी 'मीरा' हरि रंग राचूँगी।

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Bhagwat Kathanak            Katha Hindi
braj ke pad 

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