F ममता तू न गयी मेरे मन तें। mamta tu na gayi mere man so - bhagwat kathanak
ममता तू न गयी मेरे मन तें। mamta tu na gayi mere man so

bhagwat katha sikhe

ममता तू न गयी मेरे मन तें। mamta tu na gayi mere man so

ममता तू न गयी मेरे मन तें। mamta tu na gayi mere man so

 ममता तू न गयी मेरे मन तें। mamta tu na gayi mere man so

ममता तू न गयी मेरे मन तें। mamta tu na gayi mere man so

ममता तू न गयी मेरे मन तें। 
पाके केस जनम के साथी, लाज गई लोकन तें। 
तन थाके, कर कंपन लागे, ज्योति गई नैनन तें।। 
सरवन बचन न सुनत काहु के, बल गये सब इन्द्रिन तें।
टे दसन बचन नहिं आवत, सोभा गई मुखन तें।। 
कफ पित बात कण्ठ पर बैठे, सुतहिं बुलावत कर तें। 
भाई-बन्धु सब परम पियारे, नारि निकारत घर तें।। 
जैसे शशि-मण्डल बिच स्याही, छुटै न कोटि जतन तें।
 'तलसिदास' बलि जाउँ चरनतें, लोभ पराये धनतें।।

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Bhagwat Kathanak            Katha Hindi
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