न यूँ घनश्याम तुम को दुख से घबरा करके छोडूंगा। na yun ghanshyam tumko lyrics
न यूँ घनश्याम तुम को दुख से घबरा करके छोडूंगा।
जो छोडूंगा ! तो कुछ मैं भी तमाशा करके छोड़ेगा।
अगर था छोड़ना मुझको तो फिर क्यूँ हाथ पकड़ा था।
जा अब छोड़ा तो मैं, जाने न क्या-क्या करके छोडूंगा।
मेरी रुसवाइयाँ देखो ! मजे से शौक से देखो।
तुम्ह में भी सरे बाजार रुसवा करके छोडूंगा।
तुम्ह है नाज “यह बेदर्द रहता है हमारा दिल'।
में उस बेदर्द दिल में दर्द पैदा करके छोडूंगा।
निकाला तुमने, अपने दिल के जिस घर से ? उसी घर पर
अगर दृग 'बिन्दु' जिन्दा हैं ! तो कब्जा करके छोडूंगा।।
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