नटवर नागर नन्दा भजो रे मन गोविन्दा। natvar nagar nanda
नटवर नागर नन्दा भजो रे मन गोविन्दा।
श्यामसुन्दर मुखचन्दा भजो रे मन गोविन्दा।।
श्यामसुन्दर मुखचन्दा भजो रे मन गोविन्दा।।
तू ही नटवर तू ही नागर तू ही बालमुकुन्दा।। भजो ।।
सब देवन से कृष्ण बड़े हैं, ज्यों तारन में चन्दा।। भजो ।।
सब सखिअन में राधाजी बड़ी हैं, ज्यों नदियों में गंगा।। भजो ।।
वृन्दावन की कुंजगलिन में नाचत बाल मुकुन्दा।। भजो ।।
'चन्द्रसखी' भज बालकृष्ण छबि काटो यमका फन्दा।। भजो ।।