श्रीगौरचन्द्र कलि के आधार। shri gaur chandra kali ke adhar
श्रीगौरचन्द्र कलि के आधार।
जात निखि जिन करुणा-सागर है स्वतंत्र उमडयो अपार ।।
अनायास भए धन्य चराचर, जय कलि-पावन प्रमावतार।
सरमनि दर्लभ प्रेमभक्तिमणि दियो दान सब हित विचार।।
तृष्णा-ताप-अज्ञान तिमिर हर, भक्त कुमुद जन-प्राणाधार।
श्यामदास' भवतप्त हृदयथल, करहु श्रीनाम सुधा सञ्चार ।।