वृन्दाविपिन बनाऊँगी घर vrinda bipin banaugi ghar वृन्दाविपिन बनाऊँगी घर vrinda bipin banaugi gharवृन्दाविपिन बनाऊँगी घर मैं तजि कै सब संसार। यह जीवन तब सुखमय होगा मिलिहैं नन्दकुमार।। कुजगलिन विचरत डोलूँगी रसिकन-टूक अधार। 'ललितविहारिणि' वेगि बोलिए श्रीबन-प्रेमागार।। सभी पदों की सूची देखने के लिए क्लिक करें Bhagwat Kathanak Katha Hindibraj ke pad वृन्दाविपिन बनाऊँगी घर vrinda bipin banaugi ghar Share this post