भगवान नाम की महिमा bhagwan nam ki mahima
राम भगत हित नर तनु धारी । सहि संकट किए साधु सुखारी॥
नामु सप्रेम जपत अनयासा । भगत होहिं मुद मंगल बासा॥
इसमें भगवान्से भी बढ़कर भगवान्के नामको बताया गया है। भक्तोंके हितके लिये भगवान्ने मनुष्यका रूप धारण किया, अनेक संकट सहे, किंतु नामकी महिमा देखो, नामको जपनेसे मनुष्य बिना ही प्रयासके भक्त हो जाता है। नामकी महिमा और भी आयी है-
राम एक तापस तिय तारी। नाम कोटि खल कुमति सुधारी॥
रामने तो एक तपस्वीकी स्त्रीका ही उद्धार किया, इसमें कौन बड़ी बात है? नामने तो करोड़ोंकी बुद्धिको सुधार दिया। आगे यहाँतक कहा गया है-
कहौं कहाँ लगि नाम बड़ाई । रामु न सकहिं नाम गुन गाई॥
रामके नामकी महिमा कहाँतक गायी जाय, सकी महिमा तो स्वयं राम भी नहीं गा सकते।