राम भगत हित नर तनु धारी । सहि संकट किए साधु सुखारी॥
नामु सप्रेम जपत अनयासा । भगत होहिं मुद मंगल बासा॥
इसमें भगवान्से भी बढ़कर भगवान्के नामको बताया गया है। भक्तोंके हितके लिये भगवान्ने मनुष्यका रूप धारण किया, अनेक संकट सहे, किंतु नामकी महिमा देखो, नामको जपनेसे मनुष्य बिना ही प्रयासके भक्त हो जाता है।