F राम एक तापस तिय तारी। नाम कोटि खल कुमति सुधारी॥ - bhagwat kathanak
राम एक तापस तिय तारी। नाम कोटि खल कुमति सुधारी॥

bhagwat katha sikhe

राम एक तापस तिय तारी। नाम कोटि खल कुमति सुधारी॥

राम एक तापस तिय तारी। नाम कोटि खल कुमति सुधारी॥

 राम एक तापस तिय तारी। नाम कोटि खल कुमति सुधारी॥ 

रामने तो एक तपस्वीकी स्त्रीका ही उद्धार किया, इसमें कौन बड़ी बात है? नामने तो करोड़ोंकी बुद्धिको सुधार दिया। आगे यहाँतक कहा गया है-

कहौं कहाँ लगि नाम बड़ाई । रामु न सकहिं नाम गुन गाई॥ 

रामके नामकी महिमा कहाँतक गायी जाय, सकी महिमा तो स्वयं राम भी नहीं गा सकते। 

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