F यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत्। - bhagwat kathanak
यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत्।

bhagwat katha sikhe

यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत्।

यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत्।

 परमात्माकी प्राप्ति कठिन है तो सुगम क्या है ? इसीके लिये तो मानवशरीर मिला है ? खास काम परमात्माकी प्राप्ति करना है। दूसरा काम करें तो वह नया काम शुरू किया है! जो भी काम करें, भगवान्का ही काम समझकर करें- 

यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत्। 
यत्तपस्यसि कौन्तेय तत्कुरुष्व मदर्पणम्॥

(गीता ९ । २७)

'हे कुन्तीपुत्र! तू जो कुछ करता है, जो कुछ भोजन करता है, जो कुछ यज्ञ करता है, जो कुछ दान देता है और जो कुछ तप करता है, वह सब मेरे अर्पण कर दे।'
यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत्।

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