क्षेत्रपाल स्तुति मंत्र kshetrapal dhyan mantra
क्षेत्रपाल-
क्षेत्रपालान्नमस्यामि, सर्वारिष्टनिवारकान् ।
अस्य यागस्य सिद्धयर्थं, पूजयाराधितान् मया ॥ 26 ॥
अर्थात्- इस यज्ञ की सिद्धि (सफलता) के लिए मेरी
पूजा (सम्मान) से आराधित (आवाहित प्रार्थित) हुए सभी अरिष्टों (विघातकों) को दूर
करने वाले क्षेत्रपालों को (मैं) नमस्कार करता हूँ।