वास्तु मंत्र इन संस्कृत vastu dev mantra
वास्तुदेव-
नागपृष्ठसमारूढं, शूलहस्तं महाबलम् ।
पातालनायकं देवं, वास्तुदेवं नमाम्यहम् ॥25॥
अर्थात्- हाथी की पीठ पर आसीन, हाथ में शूल ( त्रिशूल) धारण किये हुए, महान् बलशाली
पाताल के नायक (स्वामी) वास्तुदेव को मैं नमस्कार करता हूँ।