नमोऽस्त्वनन्ताय सहस्रमूर्तये namostu nantay

 नमोऽस्त्वनन्ताय सहस्रमूर्तये namostu nantay

ॐ नमोऽस्त्वनन्ताय सहस्रमूर्तये, सहस्रपादाक्षिशिरोरुबाहवे ।

सहस्रनाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्रकोटीयुगधारिणे नमः ॥

अर्थात्- हे अनन्तरूप वाले! सहस्र आकृतियों वाले, सहस्र पैरों, नेत्रों, सिरों, जङ्घाओं, भुजाओं वाले, सहस्र नामों वाले तथा सहस्र-करोड़ों युगों को धारण (पोषण) करने वाले शाश्वत पुरुष! आपको बार-बार नमस्कार है ।

 नमोऽस्त्वनन्ताय सहस्रमूर्तये namostu nantay

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