F शिखा बाँधनेका मन्त्र shikha bandhne ka mantra - bhagwat kathanak
शिखा बाँधनेका मन्त्र shikha bandhne ka mantra

bhagwat katha sikhe

शिखा बाँधनेका मन्त्र shikha bandhne ka mantra

शिखा बाँधनेका मन्त्र shikha bandhne ka mantra

 शिखा बाँधनेका मन्त्र shikha bandhne ka mantra

शिखा – बन्धन-

स्नान, दान, जप, होम, संध्या और देवार्चन - कर्ममें बिना शिखा बाँधे कभी कर्म नहीं करना चाहिये, जैसा कि कहा है-

 

स्नाने दाने जपे होमे संध्यायां देवतार्चने ।

शिखाग्रन्थि विना कर्म न कुर्याद् वै कदाचन ॥

 शिखा बाँधनेका मन्त्र shikha bandhne ka mantra

शिखा बाँधनेका मन्त्र यह है -

चिद्रूपिणि! महामाये ! दिव्यतेजः समन्विते!

तिष्ठ देवि! शिखामध्ये तेजोवृद्धिं कुरुष्व मे ॥

 

उपर्युक्त मन्त्रसे अथवा गायत्री मन्त्रसे शिखा बाँध लेनी चाहिये । शिखा न हो तो उसके स्थानपर कुशा रख लेनेका विधान है।

नित्यकर्मस्तुति पूजन मंत्र स्तोत्र की संपूर्ण सूची देखें 

शिखा बाँधनेका मन्त्र shikha bandhne ka mantra

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