शिखा बाँधनेका मन्त्र shikha bandhne ka mantra
शिखा – बन्धन-
स्नान, दान, जप, होम, संध्या और देवार्चन - कर्ममें बिना
शिखा बाँधे कभी कर्म नहीं करना चाहिये, जैसा कि कहा है-
स्नाने दाने जपे होमे
संध्यायां देवतार्चने ।
शिखाग्रन्थि विना कर्म न
कुर्याद् वै कदाचन ॥
शिखा बाँधनेका मन्त्र shikha bandhne ka mantra
शिखा बाँधनेका मन्त्र यह है -
चिद्रूपिणि! महामाये ! दिव्यतेजः समन्विते!
तिष्ठ देवि! शिखामध्ये
तेजोवृद्धिं कुरुष्व मे ॥
उपर्युक्त मन्त्रसे अथवा गायत्री
मन्त्रसे शिखा बाँध लेनी चाहिये । शिखा न हो तो उसके स्थानपर कुशा रख लेनेका विधान
है।
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