संत महिमा के दोहे sant mahima in hindi
सन्तोंके लिये कहा गया है-
संतों की गति रामदास, जग से लखी न जाय।
बाहर तो संसार-सा, भीतर उल्टा थाय ||
बाहरसे वे संसारका बर्ताव करते हैं, पर भीतरसे परमात्मतत्त्वको देखते हैं। भीतरसे उनका किसीके साथ द्वेष नहीं होता और सबके साथ मैत्री तथा करुणाका भाव होता है।
संत महिमा के दोहे sant mahima in hindi
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