अलसस्य कुतो विद्या श्लोक-
अलसस्य कुतो विद्या श्लोकार्थ-
अलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम् |अधनस्य कुतो मित्रम्, अमित्रस्य कुतः सुखम् ||
अलसस्य कुतो विद्या श्लोकार्थ-
आलसी को विद्या कहाँ अनपढ़ / मूर्ख को धन कहाँ निर्धन को मित्र कहाँ और अमित्र को सुख कहाँ |
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